आचार्य श्रीराम शर्मा >> जागो शक्तिस्वरूपा नारी जागो शक्तिस्वरूपा नारीश्रीराम शर्मा आचार्य
|
0 5 पाठक हैं |
नारी जागरण हेतु अभियान
भगवान् की इच्छा
भगवान् की इच्छा इन दिनों स्पष्ट रूप से प्रभातकाल की अरुणिमा की तरह प्रकट हो रही है। कि आधी मनुष्य जाति पददलित स्थिति में न रहे। उसे भी अपने पराक्रम और वर्चस् को प्रकट करने का अवसर मिले। इस दैवी प्रयोजन का परिचय इन्हीं दिनों दो रूपों में देखने को मिलेगा।
एक तो दूरदर्शी विवेकवान् पुरुष बढ़-चढ़ कर यह प्रयत्न करेंगे कि नारी के उत्कर्ष के लिए, जो कुछ अधिक से अधिक कर सकना संभव हो, उसे कर गुजरने में किसी प्रकार की कमी-कोताही न रहने दी जाए।
दूसरी अंत:स्फुरणा नारी के अंतराल में अदम्य उत्कण्ठा के रूप में उभरेगी और वे इस प्रयास में जुट पड़ेगी कि अपने वर्ग के पिछड़ेपन को प्रगतिशीलता में बदलने के लिए कार्य क्षेत्र में उतरें।
निजी उलझनों को एक कोने में रखकर प्रधानता इस बात को दें कि नारी उत्कर्ष के लिए उनकी भूमिका असाधारण होनी चाहिए। पिछड़ों को उठाने और दलितों को उभारने के लिए आखिर कुछ असाधारण त्याग-बलिदान तो करना ही पड़ता है, करना भी पड़ेगा। नारी अभ्युदय इसी आधार पर संभव हो सकेगा।
|